
अक्सर जब रोज़-रोज़ मार्केट के गिरने की खबरें आती हैं, तो SIP में निवेश करने वाले लोग अपने पोर्टफोलियो का लॉस देखकर डर जाते हैं। ऐसा लगता है कि लॉस और बढ़ जाएगा, और न केवल रिटर्न बल्कि मूलधन भी डूब सकता है। पर असल सवाल यह है कि हम इस गिरावट को कैसे देखते हैं? आइए इसे एक सरल उदाहरण से समझते हैं।
मान लीजिए, एक चीज़ आपको 100 रुपये में मिल रही थी, लेकिन मार्केट की गिरावट के कारण अब वही चीज़ 60 रुपये में मिल रही है। जिस इंसान ने 100 रुपये में खरीदा था, वह उम्मीद कर रहा है कि कीमत 200 तक जाएगी। लेकिन जो नया निवेशक है, वह सोचता है — अगर 60 में ली तो कहीं आगे और न गिर जाए? पर वह ये नहीं सोचता कि जो पहले से लॉस में है, उसकी तुलना में उसे 40% सस्ता मिल रहा है, यानी उतना जल्दी प्रॉफिट मिल सकता है।
बुद्धिमान निवेशक इस स्थिति को एक छूट (Discount) के रूप में देखते हैं।
क्योंकि जब कीमतें गिरती हैं, तब असली अवसर बनता है। हमेशा याद रखें:
• अगर 100 रुपये का 50% गिरकर 50 हो जाता है, तो उसे वापस 100 पर लाने के लिए 50 रुपये पर 100% का रिटर्न चाहिए।
• इसलिए, जब मार्केट गिरता है, वह असल में “सेल ऑन इन्वेस्टमेंट” जैसा होता है।
मार्केट के हर गिरते चरण में थोड़ा-थोड़ा निवेश करना, लॉन्ग टर्म में बड़ा मुनाफा दिला सकता है।
अगर आपकी SIP चल रही है, तो गिरता हुआ मार्केट गोल्डन पीरियड है। जितना हो सके, हर फॉल पर निवेश बढ़ाएं, क्योंकि यही वो समय है जब सबसे बड़ा रिटर्न मिलता है।
निवेश का असली मंत्र — गिरावट में डरना नहीं, बल्कि अवसर पहचानना है।