
भारतीय शेयर बाजार में गिरावट: आज की स्थिति और वजहें
24 फरवरी 2025 को भारतीय शेयर बाजार में तेज़ गिरावट दर्ज की गई, जिसने निवेशकों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 855 अंकों की गिरावट के साथ 74,456.07 पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी लगभग 200 अंक गिरकर 22,600 के स्तर पर आ गया। आइए समझते हैं इस गिरावट के पीछे की प्रमुख वजहें।

गिरावट के मुख्य कारण:
- वैश्विक बाजारों में अस्थिरता: अमेरिका और यूरोप के शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव के कारण भारतीय बाजार पर भी दबाव देखा गया। फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना से निवेशक सतर्क हो गए हैं।
- विदेशी निवेशकों की बिकवाली: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने बड़े पैमाने पर बिकवाली की, जिससे बाजार में नकारात्मक सेंटीमेंट बना।
- जियोपॉलिटिकल तनाव: एशियाई देशों के बीच बढ़ते तनाव और कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि ने भारतीय इक्विटी बाजार पर दबाव बढ़ा दिया है।
- घरेलू महंगाई के आंकड़े: हाल ही में जारी महंगाई दर के आंकड़ों ने बाजार की धारणा को कमजोर किया है, जिससे बैंकिंग और एफएमसीजी सेक्टर के शेयरों में गिरावट आई।
कौन-कौन से सेक्टर प्रभावित हुए?
- बैंकिंग और फाइनेंस: HDFC बैंक, SBI, और ICICI बैंक के शेयरों में 2-3% की गिरावट।
- आईटी सेक्टर: इंफोसिस और टीसीएस जैसे दिग्गज शेयरों में भी गिरावट, वैश्विक मांग में सुस्ती की आशंका।
- मेटल और एनर्जी: कच्चे तेल और अन्य कमोडिटीज की कीमतों में उछाल से टाटा स्टील और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर दबाव में।
निवेशकों के लिए क्या है रणनीति?
विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा गिरावट अल्पकालिक हो सकती है। दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह एक अच्छा मौका हो सकता है कि वे मजबूत फंडामेंटल वाले स्टॉक्स को डिस्काउंट पर खरीद सकें। SIP निवेशकों के लिए भी बाजार की गिरावट एक अवसर है, क्योंकि वे कम कीमतों पर अधिक यूनिट्स खरीद सकते हैं।
आगे क्या?
आने वाले दिनों में घरेलू और वैश्विक कारकों के आधार पर बाजार की दिशा तय होगी। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे घबराएं नहीं, अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करें और लंबी अवधि के दृष्टिकोण से निवेश जारी रखें।
क्या आप इस बाजार गिरावट के बाद निवेश करने की सोच रहे हैं? हमें बताएं, और इस खबर को शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग सही निर्णय ले सकें!