

शार्क टैंक इंडिया सीजन 4 का एक और एपिसोड दिलचस्प मोड़ पर आ गया, जब ‘कैटवॉक’ नाम के फुटवियर ब्रांड ने अपने बिजनेस आइडिया को पेश किया। स्टाइलिश और प्रीमियम फुटवियर से लैस इस स्टार्टअप ने जब अपनी भारी-भरकम वैल्यूएशन बताई, तो शार्क्स ने इसे एक ‘ओवरअम्बिशियस पिच’ करार दिया और निवेश करने से पीछे हट गए।
क्या था ‘कैटवॉक’ का बिजनेस आइडिया?
‘कैटवॉक’ एक प्रीमियम फुटवियर ब्रांड है, जो स्टाइलिश और इंटरनेशनल क्वालिटी के जूते बनाता है। पिचर्स का कहना था कि उनका ब्रांड भारतीय बाजार में विदेशी फुटवियर ब्रांड्स का एक बेहतरीन विकल्प बन सकता है। उन्होंने अपनी कंपनी के ग्रोथ के आंकड़े, सेल्स डेटा और मार्केट स्ट्रेटजी पेश की, लेकिन जब उन्होंने अपनी कंपनी की वैल्यूएशन करोड़ों में बताई, तो शार्क्स के चेहरे पर हैरानी दिखी।
शार्क्स को क्यों नहीं आया भरोसा?
शार्क्स ने ‘कैटवॉक’ की वैल्यूएशन को न सिर्फ ओवरहाइप्ड माना, बल्कि उनके प्रोडक्ट और मार्केट फिट पर भी सवाल उठाए।
अमन गुप्ता (boAt) ने कहा – “आपका ब्रांडिंग अच्छा है, लेकिन इस प्राइस रेंज में ग्राहक ढूंढना मुश्किल होगा। प्रोडक्ट और प्राइसिंग में बड़ा गैप है!”
अनुपम मित्तल (Shaadi.com) ने इसे ‘सपने के पीछे भागने’ जैसा बताया और कहा – “मार्केट में बड़ा नाम बनाने के लिए सिर्फ हाई प्राइसिंग और ब्रांडिंग से काम नहीं चलता, असली डिमांड भी देखनी पड़ती है।”
विनीता सिंह (Sugar Cosmetics) ने कहा – “कस्टमर पहले प्रोडक्ट की कीमत देखता है, फिर क्वालिटी। अगर दोनों बैलेंस में नहीं हैं, तो बिजनेस मुश्किल में आ सकता है।”
क्या कैटवॉक को मिला कोई ऑफर?
कैटवॉक की पिच के बाद शार्क्स ने काफी विचार किया, लेकिन किसी ने भी इसमें निवेश करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। कंपनी के वैल्यूएशन और मार्केट स्ट्रेटजी को लेकर संदेह इतना था कि अंत में सभी शार्क्स ने हाथ जोड़ लिए!
सोशल मीडिया पर मचा बवाल!
इस एपिसोड के बाद सोशल मीडिया पर फैंस ने अलग-अलग राय दी:
कुछ का कहना था कि शार्क्स ने सही किया, क्योंकि भारत में इतनी महंगी फुटवियर ब्रांड्स की डिमांड सीमित है।
कुछ दर्शकों ने माना कि ‘कैटवॉक’ को थोड़ा और मौका मिलना चाहिए था और सही मार्गदर्शन के साथ यह एक बड़ा ब्रांड बन सकता था।
स्टार्टअप्स के लिए सीख
सिर्फ ब्रांडिंग से बिजनेस नहीं चलता, सही प्राइसिंग भी जरूरी होती है।
वैल्यूएशन इतनी ऊँची होनी चाहिए, जितनी मार्केट में डिमांड हो।
ग्राहकों की जरूरत और बाजार की वास्तविकता को समझे बिना, बड़ा बिजनेस खड़ा करना मुश्किल है।
आपका क्या कहना है? क्या शार्क्स ने सही किया या ‘कैटवॉक’ को एक और मौका मिलना चाहिए था? कमेंट करें!